प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक के दौरान, गुरुदेव ने मॉरीशस की संस्कृति के संरक्षण और मॉरीशस को नशामुक्त करने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। गुरुदेव ने मॉरिशस के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की जहां उन्होंने युवा सशक्तिकरण, तनाव उन्मूलन कार्यक्रमों और जेल कार्यक्रम सहित विभिन्न आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रमों के बारे में भी बातचीत की। इन कार्यक्रमों से मॉरिशस में काफी सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। गुरुदेव ने मॉरीशस में आयुर्वेद की शुरूआत की भी बात कही।
गुरुदेव की यात्रा के दौरान मॉरीशस में आर्ट ऑफ लिविंग के 'जेल कार्यक्रमों' की व्यापक सफलता को देखते हुए उन्हें जारी रखने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा। इन पुनर्वास कार्यक्रमों का उद्देश्य, कैदियों को तनावमुक्त कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने में मदद करना है। जेल कार्यक्रमों के माध्यम से कैदियों का पुनर्वास, समाज में फैले हिंसा के चक्र को तोड़ने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुरुदेव ने कहा, 'उनके भीतर के सबसे बुरे गुणों ने उन्हें जेल में पहुंचा दिया, लेकिन आध्यात्मिकता उनके भीतर के सर्वश्रेष्ठ गुणों से उनका परिचय कराती है; वे अच्छे नागरिक बनते हैं और समाज में सकारात्मक योगदान देते हैं।'
यात्रा का पहला दिन एक सार्वजनिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ जिसमें ज्ञान, ध्यान और सत्संग शामिल था। माननीय राष्ट्रपति, विपक्ष के सदस्यों और प्रमुख सरकारी अधिकारियों के साथ हजारों मॉरीशसवासियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। गणमान्य व्यक्तियों में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष श्री एड्रियन डुवाल; भारत की उच्चायुक्त महामहिम नंदिनी सिंगला; मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी लेडी सरोजिनी जुगनौथ; विपक्ष के नेता अरविंद बूलेल; विदेश मंत्री एलन गानू; सार्वजनिक अवसंरचना मंत्री बॉबी हुरीराम, सिविल सेवा मामलों के मंत्री, श्री अंजिव रामधन; सहकारिता मंत्री, श्री नवीन रामयेद; और स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री, श्री कैलाश जगतपाल कार्यक्रम में मौजूद रहे।