युवाओं को सलाह, ट्रम्प को क्यों नहीं?

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

सोमवार, 27 फ़रवरी 2017 (09:00 IST)
#माय हैशटैग
अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकारों ने युवाओं के कार्यक्रम में जाने की एक नई पहल की है, इसमें वे अलग-अलग विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों से मिलते हैं और बातचीत करते हैं। इसके अलावा रिपब्लिकन पार्टी के भी कई प्रमुख नेता इस तरह के चर्चा सत्र में शामिल होने वाले हैं। डोनाल्ड ट्रम्प की इलेक्शन कैम्पेन मैनेजर और अब अमेरिकी राष्ट्रपति की एडवाइजर केलयान कॉनवे ने 24 फरवरी, शुक्रवार को अमेरिकी कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सलाह दी है कि वे सोशल मीडिया से दूर रहें, खासकर ट्विटर से। युवाओं को उनकी सलाह है कि वे ऑनलाइन की बजाय रियल लाइफ में जीवन जीना सीखें। यह अचरज की बात है कि अमेरिकी युवा सोशल मीडिया के एडिक्ट होते जा रहे हैं। यह उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया संवाद का एक जरिया मात्र है, यह अपने आप में खुद कोई संवाद नहीं है। 
ट्रम्प की सलाहकार ने युवाओं को यह भी कहा है कि वे क्लबों में जाए, अपने नए क्लब शुरू करें, संपादक के नाम चिट्ठियां लिखें और जहां संभव हो, वहां लोगों से मिलकर बातचीत करें, उनके अनुभव शेयर करें और अगर उन्हें कोई कष्ट है, तो उसे मिटाने की कोशिश करें। अगर आपने ऐसा किया तो आप पाएंगे कि असली दुनिया कुछ अलग ही है। वहां रहने वाले लोग ज्यादा सुखद अनुभव देने वाले हैं। उनके अनुभव समृद्ध है और सांस्कृतिक विरासत भी अनमोल है। उन लोगों से मिलकर आप उनके अनुभव का लाभ उठा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। 
 
सोशल मीडिया से दूर रहने की यह सलाह बड़ी ही दिलचस्प है, क्योंकि यह सलाह एक ऐसी सलाहकार ने दी है, जिनके बॉस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद सोशल मीडिया में डूबे रहते हैं। ट्विटर पर ही उनके दो करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और वे रात-दिन ट्वीट करते रहते हैं। हालात यह है कि उन्होंने अपने परंपरागत मीडिया संसाधनों को एक तरफ रख दिया है और ट्विटर के जरिए ही अपनी बात कहना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सोशल मीडिया का उपयोग करके वे बिना किसी मध्यस्थ के अपनी बात अमेरिकी जनता तक पहुंचा सकते हैं। 
 
इसी बीच एक और खबर आई है कि ब्रिटेन में करीब पांच लाख लोगों के हस्ताक्षर वाली एक याचिका ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को भेजने के लिए तैयार की जा रही है। जिसमें अपील की गई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ब्रिटेन यात्रा स्थगित कर दी जाए, क्योंकि उन्होंने अमेरिका में सात मुस्लिम देशों के नागरिकों को आने से रोकने की पहल की है। अपील करने वालों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने पद की गरिमा के अनुसार व्यवहार नहीं करते हैं। उनके व्यवहार में दूसरों के प्रति सम्मान नजर नहीं आता। इसके पहले वे ब्रिटिश प्रिंसेस केट मिडलटन के चित्र को लेकर भी सोशल मीडिया पर ओछी हरकत कर चुके हैं। 
 
ट्रम्प के विरोधियों ने ब्रिटेन की प्रिंसेस एक चित्र को लेकर ट्रम्प के पांच साल पुराने ट्वीट को खोज निकाला। पांच साल पहले जब ब्रिटिश प्रिंसेस फ्रांस में छुट्टियां बिता रही थीं और समुद्र किनारे सन बाथ ले रही थीं, तब ब्रिटिश मीडिया में उनकी कुछ तस्वीरें सनसनीखेज तरीके से प्रकाशित की गई थीं। इसी पर ट्रम्प की टिप्पणी थी कि कमऑन केट! अगर मैं उन फोटोग्राफर्स की जगह होता, तो तुम्हारे सन बाथ करते हुए न्यूड पिक्चर्स खींचकर पैसे कमाने की कभी नहीं सोचता।
 
बाद में जब इस पर ब्रिटिश लोगों ने आपत्ति की, तो डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी सफाई में ट्वीट किया कि केट मिडलटन महान हैं, लेकिन उन्हें न्यूड होकर सन बाथ के लिए बीच पर नहीं लेटना चाहिए था। इस तरह की बातों के लिए वे खुद जिम्मेदार है। 1997 में ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना की मौत के बाद भी ट्रम्प ने इस तरह के फूहड़ कमेंट मीडिया में किया था, जिसमें आशा व्यक्त की गई थी कि अगर वे जीवित होती, तो मुझे उनके साथ मजा आता। 
 
ट्रम्प को क्या पता था कि उनके ऐसे कमेंट्स भविष्य में उनके लिए मुसीबत खड़ी कर देंगे। तब किसी को क्या पता था कि डोनाल्ड ट्रम्प एक दिन अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। खुद उन्हें भी इस बात की कल्पना नहीं रही होगी। सबक यह है कि आप घटिया ट्वीट और पोस्ट करने से हमेशा बचें। मजाक में भी ऐसा न करें, क्या पता कल को आप देश के किसी जिम्मेदार पद पर विराजित हो जाएं और यही बातें आपके पीछे बदनामी का ठीकरा फोड़ने आ जाए।

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