उसी व्यापारी के यहां से उसने अपना खुद का काम शुरू किया और अच्छा व्यापारी बन गया। भले ही यह इत्तेफाकन हुआ हो, लेकिन देवी अहिल्याबाई होलकर के प्रति जो आस्था और विश्वास आज भी जन-जन में मौजूद है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है। आज भी देवी अहिल्याबाई की दानशीलता, न्यायप्रियता, योग्य शासन के किस्से जनश्रुतियों में मौजूद हैं।