निर्माण क्षेत्र में भारत-भूटान सहयोग

- कुमार गिरीश
 
नई दिल्ली। कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (सीआईडीसी) भूटान सरकार को कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में उत्तम निर्माण प्रथाओं को लागू करने के लिए नई तकनीक और प्रशिक्षण प्रदान करेगी। भूटान में मानक कंस्ट्रक्शन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भूटान की कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट बोर्ड (सीडीबी) ने सीआईडीसी के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया है। इसके तहत सीआईडीसी, भूटान की कंस्ट्रक्शन कंपनियों को कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में उत्तम निर्माण प्रथा, ग्रीन बिल्डिंग, गुणवत्ता और बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
 
 
सीआईडीसी के महानिदेशक पीआर स्वरूप के अनुसार, एएमओयू भारत और भूटान दोनों देशों की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा। उन्होंने कहा की सीआईडीसी ये सुनिश्चित करेगी कि इसका लाभ केवल भूटान को ही नहीं, बल्कि दक्षिणी एशिया के सभी देशों को मिले। 
 
सीडीबी के निदेशक फूब रिन्ज़ीन के अनुसार, ये (एमओयू) भूटान कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा। हमारे कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए सीआईडीसी और भारत की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री का सहयोग बहुत ज़रूरी है और इससे दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा और विस्तार मिलेगा। 
 
दोनों संस्थाएं निर्माण क्षेत्र में चल रही उत्तम निर्माण प्रथाओं, ग्रीन बिल्डिंग तकनीक, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, बेहतर प्रबंधन और नियंत्रण के क्षेत्र में सहयोग करेगी। इसके लिए सीआईडीसी और सीडीबी मिलकर समय-समय पर कॉन्‍फ्रेंस, सेमिनार्स, कार्यशालाओं आदि का आयोजन करेगी साथ ही कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के विकास के लिए ज़रूरी जागरूकता अभियान और अन्य गतिविधियों का आयोजन करेगी। दोनों संस्थाएं कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के सभी भागीदारों के लिए समय-समय पर साइट विजिट भी आयोजित करेंगी।
 
 
सीआईडीसी भूटान में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री की कार्यकुशलता यानी गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ने के लिए समय-समय पर शैक्षिक कार्यक्रमों और काम कर कर रहे विभिन्न स्तर के लोगों के लिए प्रशिक्षण का भी आयोजन करेगी। इसके अलावा दोनों देशों में काम कर रहे ठेकेदारों को भी एक-दूसरे से मिलाने और आपस में जानकारी साझा करने का मौका और मंच दिया जाएगा। दोनों संस्थाएं इस एमओयू के आधार पर कार्ययोजना बनाकर उन्हें लागू करेंगी, इन कार्ययोजनाओं का बेहतर निष्पादन और इस नए शुरुआत की संभावनाओं को तलाशने और इसे जारी रखने की ज़िम्मेदारी दोनों संस्थाओं के मुखिया की होगी। 
 
भूटान की वर्क्स एवं ह्यूमन सेटलमेंट मंत्री सुश्री दोरजी चोदेन ने कहा कि मेरा मंत्रालय ह्यूमन सेटलमेंट एक्ट लेकर आ रहा है, इसके अलावा नई हाउसिंग पॉलिसियां भी लागू होनी हैं, इसमें कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री की बड़ी भूमिका है, इसलिए इस इंडस्ट्री का मानकीकरण सबसे ज़रूरी टास्क है और इसमें मुझे और भूटान सरकार को सीआईडीसी से बहुत सारी उम्मीदें हैं। 
 
उन्होंने कहा कि इस एमओयू से सीडीबी और उनके मंत्रालय को सीधा लाभ मिलेगा। सीडीबी एक स्वायत्त निकाय है और भूटान में निर्माण गतिविधियों को नई दिशा देने के लिए कार्ययोजना तैयार कर रहा है, इसमें सीआईडीसी के अनुभव और विशेषज्ञता का पूरा लाभ हमें मिलेगा।

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