वर्ष लग्नेश सूर्य अपने आदर्श शत्रु शनि की राशि में अपने शत्रुओं के साथ षष्ट भाव ( प्रशासनिक बुद्धि का भाव) में स्थित होकर ग्रहण दोष बना रहे हैं। यह नकारात्मकता लिए हुए है। नवम भाव (योजना विकास योजनाओं का भाव) में मेष राशि उदित हो रही है। नवमेश मंगल चतुर्थ भाव (सामान्य प्रजा का प्रसन्नता का भाव) में अपनी स्वराशि वृश्चिक में स्थित होकर रूचक नामक पंचमहापुरुष योग बना रहे है। जिस पर दशम भाव (प्रधानमंत्री, प्रशासनिक अधिकारी वर्ग, संसद, विद्रोह का भाव) में उच्च राशिस्थ चंद्र की पूर्ण दृष्टि पड़ रही है।
ग्रह स्थिति के अनुसार वर्ष 6 महीने भारत सरकार के लिए विशेष संघर्षपूर्ण और चुनौती भरे होंगे हालांकि यह संघर्ष और चुनौतियां बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था को और विकास व्यवस्था को एक नया आकार देने में सक्षम होंगे। विंशोत्तरी दशा की बात करें तो जनवरी फरवरी-मार्च अप्रैल-मई और अक्टूबर का समय केंद्र सरकार के लिए विशेष चुनौतीपूर्ण रहेगा।
मुंथा चतुर्थ भाव (सामान्य प्रजा की प्रसन्नता का भाव) में होने से केंद्रीय सरकार द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं का आरंभ तथा परियोजना को गति दी जाएगी जिससे आमजन लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री स्वयं सभी योजनाओं-परियोजनाओं की सतत निगरानी रखेंगे। मुंथेश मंगल स्वराशि होने से मोदी सरकार भारत को एक अंतरराष्ट्रीय शक्ति के रूप में उभारकर विश्व व्यवस्था को एक नया आकार देने में सक्षम होंगे।