चीन की आबादी 140 करोड़ है। दुनिया की आबादी का करीब 20 प्रतिशत। चीन में दुनिया का करीब 50 फीसद पशुधन (Livestock) है। दुनिया का सबसे बड़ा मटन बाजार चीन के वुहान में है। करीब 150 से ज्यादा प्रकार और प्रजातियों के जानवरों को चीनी अपने खाने में इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कई जानवर ऐसे हैं जिन्हें जिंदा काटकर बेचा और खाया जाता है।
जाहिर है, चीन में मानव और जानवर के बीच जो संपर्क है, वही संपर्क मनुष्य के शरीर में वायरस को तेजी से ट्रांसफर करने की क्षमता रखता है। दूसरा पूरी दुनिया में चीन की ‘एयर कनेक्टिविटी’ बहुत मजबूत है। इन सारे तथ्यों के बाद क्या इस बात पर संशय किया जाना चाहिए कि तमाम दुनिया में फैलने वाले वायरस संभवत: चीन से ही पसरते हैं।
इस पूरी बात को समझने के लिए चीन और दुनिया में समय समय पर पसरने वाले वायरस के इतिहास में जाना होगा।
चीन में मानव-जानवर संपर्क
रिपोर्ट और विशेषज्ञों के मुताबिक मीट मार्केट में जानवरों के मांस और ब्लड का ह्यूमन बॉडी से संपर्क होता रहता है। चीन में यह बहुत आम है। ये वायरस के फैलने की सबसे बड़ी वजह है। हाईजीन में जरा भी चूक से वायरस फैल जाता है, जाहिर ही जहां इतने बडे पैमाने पर मांस का सेवन किया जाता है, वहां हाईजीन न के बराबर है।
कुछ रिपोर्ट में वायरस को लेकर एक खास तथ्य यह है कि कई देशों को अपनी चपेट मे लेने वाले करीब 60 फीसदी वायरस जानवरों से ही फैले हैं। इनमें से ज्यादातर चीन से संक्रमण आए हैं।
अफ्रीका है उदाहरण
इसका उदाहरण अफ्रीका से आया इबोला संक्रमण है। यह वायरस अफ्रीका से दुनिया में फैला। इबोला के वायरस चिंपाजी से मानव शरीर में आए थे। दरअसल, अफ्रीका में चिंपाजी को खाया जाता है, इसी वजह से वायरस मानव शरीर में पहुंचा और फिर संक्रमण बन गया।
बंदर महंगा और कुत्तों की चोरी
छिपकली, सांप, कुत्ते का मांस, जिंदा ऑक्टोपस, मच्छर के अंड़े, बंदर, चमगादड़ और गधे समेत दूसरे कई तरह के जानवर व सीफूड का मांस चीन के बाजार और चीनियों की थाली का हिस्सा रहा है। यहां एक खास तरह के बंदर का मांस काफी महंगा और बडे आयोजनों में रुतबे की बात होती है, वहीं कुत्तों के मांस की चोरी यहां आम बात है।
दुनिया का सबसे बड़ा मीट उप्तादक चीन
मांस खाने की आदत और चीन की गरीबी ने इस देश को दुनिया का सबसे अमानवीय देश और मांस का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया। इसी वजह से यहां मांस परोसने वाले रेस्तरां में लगातार इजाफा होता जा रहा है। जानकर हैरानी होगी कि चीन का मांस बाजार करीब 150 मिलियन टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जित करता है।
अब कोरोना भी चीन से
अब साल 2020 में चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है, वुहान के मांस बाजार और यहां के संक्रमण से यह फैला है, यह बात साबित हो चुकी है। अब तक करीब 19 देशों में इसके मरीज सामने आए हैं। चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 5 हजार 974 लोग इसकी चपेट में होने की पुष्टि हो चुकी है। करीब 1 हजार 239 लोग गंभीर है। जबकि 132 मरीजों की मौत हो चुकी है। तिब्बत, अमेरिका, थाईलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान और भारत में इसके संक्रमण मिले हैं।
सार्स जैसी बीमारी साल 2002 में चीन से ही फैली थी। इसका वायरस सबसे पहले दक्षिणी चीन के गुआंगडॉन्ग इलाके मिला था।
बर्ड फ्लू की शुरुआत भी चीन से ही हुई। 2013 में चीन से ही H7N9 एवियन इनफ्लुऐंजा फैला।
2018 में चीन के जियांग्शु इलाके से H7N4 वायरस से पीड़ित मरीज मिला।
2019 में चीन के शीनजियांग प्रांत से H5N6 बर्ड फ्लू पसरा।
चीन की मीट मार्केट 150 मिलियन टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जित करती है।
पूरी दुनिया में जनवरी 2020 में अब तक करीब 24,623,552 टन मीट की खपत हुई है।
वहीं इतने मीट के प्रोडक्शन के लिए दुनियाभर में करीब 158,915,975,576 टन पानी खर्च हुआ।
2013 में चीन से ही H7N9 एवियन इनफ्लुऐंजा फैला।
2018 में चीन के जियांग्शु इलाके से H7N4 वायरस से पीड़ित मरीज मिला।
2019 में चीन के शीनजियांग प्रांत से H5N6 बर्ड फ्लू पसरा।
दुनिया में फैलने वाले करीब 60 फीसदी वायरस जानवरों से ही फैले हैं।