नक्शे में कैलिफोर्निया खोजता पिता

चालीस डिग्री अक्षांश और
एक सौ दस डिग्री देशांतर के बीच में
यहां इधर,थोडा हटकर,बस यहीं
यही है कैलिफोर्निया
ज्यादा दूर तो दिखाई नही देता नक्शे में! 
उड़ने के छत्तीस घंटे बाद
फोन किया था बेटी ने
बहुत दूर है कैलिफोर्निया 
 
ईंधन लेने के लिए 
यहां उतरा होगा विमान
बेटी ने बिताए होंगे
पांच घंटे अकेले 
 
यहां से बदलना पड़ता है विमान 
एक बैग भर ही तो था पास में 
सामान तो शिफ्ट कर ही देते होंगे एयरवेज वाले 
 
जरा देखें तो
कैसी है जलवायु कैलिफोर्निया की
बारिश होती है यहां कितनी 
कितना रहता है सर्दियों में
न्यूनतम तापमान 
 
समुद्री हवाएं कब बहती हैं इस ओर 
तपती तो होगी गर्मियों में धरती
मौसम होते भी हैं या नही 
कैलिफोर्निया में 
 
कौनसी फसलें बोते हैं कैलिफोर्निया के किसान 
मिल ही जाता होगा बाजार में 
गेहूं और चावल 
 
‘जितने कष्ट कंटकों में है...’ 
दसवीं कक्षा में पढ़ी कविता की अनुगूंज में 
घुल रही है बेटी की आवाज 
नक्शे की रेखाओं से होता हुआ
पहुंच रहा है पिता का हाथ 
बेटी के माथे तक ! 

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