पहली बार हुआ, एक महिला अधिकारी ने आर्मी डे की परेड में जवानों की टुकड़ी का नेतृत्व किया

निवेदिता भारती

मंगलवार, 15 जनवरी 2019 (17:02 IST)
ऐसा भारतीय आर्मी के इतिहास में पहली बार हुआ जब किसी महिला ऑफिसर ने आर्मी डे परेड के दिन सेना की एक टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह परेड हर साल 15 जनवरी को होती है। यह उस टुकड़ी के परेड में हिस्सा लेने से बेहद अलग थ जिसमें सिर्फ महिलाएं ही शामिल हुईं। 2015 में इस टुकड़ी का नेतृत्व महिला ऑफिसर दिव्या अजीथ ने किया था। लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने 71वे आर्मी परेड डे पर इंडियन आर्मी सर्विस कॉर्प्स (एएससी) की टुकड़ी का नेतृत्व किया। इसमें सभी जवान पुरुष थे।  
 
लेफ्टिनेंट कस्तूरी ने कहा, "ऐसा पहली बार है जब एक महिला अधिकारी आर्मी की टुकड़ी का नेतृत्व कर रही हैं। कभी किसी महिला अधिकारी ने जवानों की टुकड़ी को लीड नहीं किया।" उन्होंने आर्मी की तारीफ़ भी कि जो उन्हें यह मौक़ा दिया गया। इससे पता चलता है कि चीजें तेजी से बदल रही हैं और महिलाओं के प्रति नजरिये में भी बदलाव आया है। 
 
एएससी का सेना में काम सपोर्ट सिस्टम का है। आर्मी का यह हिस्सा कई महत्वपूर्ण कामों को संभालता है। जिनमें नक़्शे बांटना, पत्र, कुरियर सर्विस देखना, कैंटीन, आर्मी के लिए सामान का इंतजाम और अन्य कई जरूरी काम शामिल हैं। 23 साल के लंबे अंतराल के बाद आर्मी के इस हिस्से ने परेड में भाग लिया।  
 
2019 में बहुत कुछ हुआ पहली बार 
 
1. लेफ्टिनेंट कस्तूरी के अलावा शिखा सुरभी के हाथ आर्मी की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम की बागडोर थी। इस टीम में 33 जवान थे जिन्होंने नौ बाइक्स पर पिरामिड जैसी आकृति बनाई। यह टीम आर्मी की कॉर्प्स ऑफ़ सिग्नल शाखा की है जिसके नाम 24 वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं। यह टीम भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होगी। यहाँ पर टीम की बागडोर पुरूष अधिकारियों के हाथ होगी। सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को यह टीम सलाम करेगी।  
 
2. इस साल आर्मी परेड डे और गणतंत्र दिवस पर पहली बार M777 A2 Ultra Light Howitzer और K9 वज्र-T हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इन हथियारों की खासियत यह है कि बोफोर्स के बाद से भारत द्वारा खरीदे गए ये सबसे शानदार हथियार हैं जिन्हें चीन व पाक सीमा पर इस्तेमाल लगाया जाएगा। M777 A2 Ultra Light Howitzer का इस्तेमाल समतल और पहाड़ी इलाको में किया जा सकता है।
 
आर्मी डे की महत्ता 
 
आर्मी डे हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। 1949 में उस समय के लेफ्टीनेंट जनरल के एम् कैरिअप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर के बाद भारत में कमांडर इन चीफ का पद ग्रहण किया था। यह दिन देश के सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने देश की सेना और रक्षा के क्षेत्र में महान उदाहरण पेश किए हैं। गर्व से कहा जा सकता है कि भारतीय आर्मी दुनिया की कुछ सबसे बढ़िया सेनाओं में शुमार है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ टक्कर लेने में सक्षम है।  
 
भारतीय आर्मी के विषय में खास जानकारी 
 
1. 1776 में भारतीय आर्मी का गठन हुआ था। कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की सेना का गठन किया।
 
2. भारतीय सेना का मन्त्र है देश की सेवा खुद से भी पहले। देश की सुरक्षा, देश की एकता में देश की सेना हर वक्त मुस्तैद रहती है और भीतरी एवं बाहरी खतरों से सभी की रक्षा करती है।
 
3. भारतीय सेना बेहद ऊंची, जंगली और पहाड़ी इलाकों के लिए दुनिया में सबसे बढ़िया मानी जाती है। सियाचिन युद्ध इसका उदाहरण है।
 
4. 2013 में उत्तर भारत में आई भीषण बाढ़ से लोगों को सुरक्षित निकालने का भारतीय सेना का ऑपरेशन दुनिया में सबसे बेहतरीन सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन माना जाता है।
 
5. 1982 में भारतीय सेना द्वारा बनाया गया बैली ब्रिज (लद्दाख) सबसे अधिक ऊंचाई वाला पुल है।
 
6. सियाचिन दुनिया में सबसे ऊँची ऐसी बर्फीली पहाड़ी चोटी है जिसे पर किसी आर्मी को नियंत्रण रखना पड़ता है।
7. भारतीय घोड़ा रेजीमेंट दुनिया में आखिरी तीन बची हुई रेजीमेंटों में शामिल है।
 
8. भारत की सेना संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति कार्यक्रमों में काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है। यह शांति के दौरान अभ्यास ऑपरेशन में भी हिस्सा लेती है। इसके उदाहरण हैं अभ्यास शूरवीर और ऑपरेशन ब्रास्टेक्स।
 
9. भारतीय दुनिया की कुछ उन सेनाओं में शामिल है जिसने पहले से किसी पर भी हमला नहीं किया। यह शांतिप्रिय फ़ोर्स के रूप में विश्वप्रसिद्द है।
 
10. भारतीय सेना की शानदार विजयों में शामिल हैं कारगिल युद्ध, सियाचिन युद्ध, गोवा की स्वतंत्रता, दादरा और नगर हवेली की स्वतंत्रता, दूसरा और तीसरा इंडो-पाक युद्ध।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी