जगरगुंडा और बीजापुर के जंगलों में पग-पग पर मौत होती है। यहां आईईडी कहां पर बिछाकर रखा गया हो, कुछ नहीं बताया जा सकता। ताड़मेटला, बुर्कापाल, गोंडापल्ली, चिंतागुफा, कोरईगुंडम और तोंगुडा जैसे घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में रात-दिन सीआपीरएफ के जवान डटे हुए रहते हैं। उनकी वीरता का ही कमाल है कि अब इन इलाकों में पक्के रोड बन पाए हैं। नक्सलियों के खौफ से कभी जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था, वहां सीआपीरएफ ने अपना मजबूत गढ़ बना लिया है और उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह को चाय की दावत भी दी है।