पाकिस्तान दुनिया का नासूर है.... घृणा,नफ़रत और जिन्ना के जिन्न से उसका जन्म हुआ। नासूर हमेशा अपने इर्द-गिर्द नए घावों का संक्रमण देता है। कभी-कभी जिस्म का वो हिस्सा काटना पड़ता है, जहां नासूर में मवाद पड़ जाएं और जिस्म की कोशिकाओं पर प्राणग्रंथियों और रक्त वाहिनियों का नहीं, बिलबिलाते कीड़ों का साम्राज्य होने लगे....पाकिस्तान वो अधमरा, मरणासन्न और नासूरों से नाइलाज़ देश है जिसके समूचे जिस्म पर लोकतंत्र के मूल्यों या इस्लामी आदर्शों का नहीं... हाफ़िजों, असग़रों,अज़गरों,कामरानों,दाऊदों और गा़ज़ियों जैसे नासूरों का कब़्जा है..सूफ़ियों और इन्सानियत के फरिश्तों का नहीं...
इसी नासूर की सर्जरी इन्दिरा गांधी की रहनुमाई में हिन्दुस्तान ने की थी..जिस्म काटकर 1971 में ...बांग्लादेश देश बना....
पाकिस्तानी नासूर से मुक्त होकर वो आज आर्थिक रुप से ज़्यादा सामर्थ्यवान और विकास में शक्तिशाली हुआ है.. हाफिज़ और
असगरों का पाकिस्तान भीखमंगा का भीखमंगा रह गया! इस नासूर के दूसरे हिस्से ख़ैबर पख़्तून,बलूचिस्तान, फाटाप्रदेश और सिन्ध कुलबुला रहे हैं.. कि इस मवादी मौत से मुक्ति पाने को?
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर तो सलाउद्दीनों और हाफ़िजों के कब़्जे में है ही..बस हमारा कश्मीर इस बला की चपेट में ना आएं.. इसलिए पुलवामा और पंपोर-उड़ी के घावों को नासूर बनने से पहले शिद्द्त से रोकना होगा!सिर्फ़ दुनिया को पाक आतंक के नित नये डोजियर देने से कुछ नहीं होगा.. तगड़ा डोज़ देना पड़ेगा..
जैश ए मोहम्मद और लश्कर तो छोड़िए.. ओसामा बिन लादेन से बड़ा डोजियर क्या हो सकता है? दुर्भाग्य से आज पाकिस्तान आतंक की पूरी फेक्ट्री में तब्दील हो चुका है..जहां बच्चे तंगहाली और भूख से बिलबिलाते हुए बारुदों की फसल खा रहे हैं.. आज सोमालिया और पाकिस्तान अभावों के सबसे नीचे पायदान पर है दुनिया भर में..! दरिन्दगी के इस देशमें, इस्लामी महब़्बत की सत्ता नहीं... दरिन्दों, जाहिलों, गंवार हाफ़िजों और मवाली मसूदों का राज कायम है..??