Viral Video: 'मुझे स्‍कूल जाने दो' अफगान मासूम को कब और कैसे मिलेगा उसका हक? क्‍या तालिबान सुनेगा?

सुरभि भटेवरा
सोमवार, 27 सितम्बर 2021 (16:16 IST)
अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की विदाई के बाद से अफगानिस्‍तान की आबोहवा बदल गई है। अफगानिस्‍तानी सैनिक भी दुम दबाकर भाग निकल गए। अब परेशानियों से जूझ रहे आम इंसानों को अपनी लड़ाई खुद लड़ना पड़ रही है। शुरुआत में अफगान और अन्‍य देशों से अच्‍छे रिश्‍तों का बखान करने वाले तालिबान का असली चेहरा बहुत हद तक सामने आ चुका है। मासूमों बेगुनाहों को गोली का शिकार बनाया जा रहा है, बेगुनाह लोगों को गोलियों से छलनी किया जा रहा है, तो महिलाओं को फिर से पर्दा युग प्रथा में धकेला जा रहा है, महिलाओं को उनके हक से पूर्ण रूप से वंचित किया जा रहा है। इन कड़े हालात के बीच अफगान मर्दानियों ने जो जौहर दिखाया है, वह तालिबान को परेशान कर सकता है। महिलाओं को लगातार परेशान करने वाले तालिबान को समझना होगा कि अब यह 20 साल पहले वाला अफगान नहीं रहा है, जो महिलाएं शरिया वाले जुल्‍मोसितम को सिर झुकाकर सह लेंगी।
 

अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद से वहां का नक्‍शा बदल गया है। लोगों की जिंदगी खत्‍म-सी हो गई है। लेकिन बेखौफ महिलाएं सड़क पर तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। अपने हक व अपने अधिकार के लिए महिलाएं उन क्रूर लड़ाकों से दो-दो हाथ करने के लिए भी तैयार हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब तालिबान के खिलाफ उन्‍हीं के साथ रहते हुए प्रदर्शन किए जा रहे हों। प्रदर्शन में हमेशा से सैकड़ों-हजारों की तादाद में देखा है लेकिन इस विरोध में महिलाओं के प्रदर्शन का बल है। तालिबान की आंखों में आंखें डालकर महिलाओं ने प्रदर्शन की आवाज को बुलंद किया है।
 
आज अफगान की सड़कों पर महिला शक्ति दहाड़ रही है। डंके की चोट पर अपना हक मांग रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखने के बाद कई सारे मायने निकल सकते हैं। हालांकि वायरल हो रहे वीडियो में उम्‍मीद की किरण बनकर आई लड़की निडर होकर सीधे तालिबान से सवाल कर रही है कि 'स्‍कूल जाने से रोकने और शिक्षा प्राप्‍त करने से रोकने वाले ये कौन होते हैं?'

 
लगातार तालिबान का असली चेहरा सामने आ रहा है। महिलाओं में तालिबान का रत्‍तीभर भी खौफ नजर नहीं आ रहा है। न बगल में लहराते उनके हथियार का, न तालिबान द्वारा रचे जा रहे षड्यंत्र का। हालांकि अपने अधिकार की ललकार लगा रही अफगानी महिलाओं को उनका हक कब और कैसे मिलेगा? शायद अब यह भी अफगान की नारी शक्ति ही तय करेगी।

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