रूप चौदस पर क्यों करते हैं अभ्यंग स्नान, क्या है कथा?

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What is abhyanga massage: दिवाली के पांच दिनी उत्सव में नरक चतुर्दशी उत्सव का दूसरा दिन होता है। इस दिन को रूप चौदस कहते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने का महत्व है, जिसे अभ्यंग स्नान कहते हैं। अभ्यंग स्नान क्यों करते हैं या है इसके पीछे की कथा?
 
अभ्यंग स्नान समय : 12 नवंबर 2024 को  सुबह 05:28 से 06:41 के बीच।
 
कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि 2023:
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 11 नवम्बर 2023 को दोपहर 01:57 से।
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 12 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:44 तक।
 
नोट : चूंकि इस दिन प्रात: स्नान करने का महत्व है इसलिए 12 नवंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन जो लोग माता कालिका, हनुमानजी और यमदेव की पूजा करने जा रहे हैं वे 11 नवंबर को यह पर्व मनाएंगे।
 
रूप चौदस पर क्यों करते हैं अभ्यंग स्नान? 
मान्यता है कि अभ्यंग स्नान से सौंदर्य और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होती है और सभी तरह के संकट दूर होते हैं।
 
अभ्यंग स्नान की कथा क्या है?
अभ्यंग स्नान क्या है?
सभी तरह के उबटन और तेल को लगाकर स्नान करना ही अभ्यंग स्नान करना है।
 
कैसे करते हैं अभ्यंग स्नान?
 

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