मोदीराज में क्यों बढ़ रही है महंगाई?

बुधवार, 16 जुलाई 2014 (15:49 IST)
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नई दिल्ली। लोकसभा में नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले बजट पर बुधवार को चर्चा शुरू हुई जिसमें कांग्रेस ने उसे आड़े हाथ लेते हुए सवाल किया कि महंगाई पर लोगों की भावनाओं को भुनाकर सत्ता में आए भाजपा नीत शासन में महंगाई कम होने की बजाय क्यों आसमान छू रही है।

चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था लेकिन हैरानी इस बात की है कि सरकार बनने के बाद उसके पहले बजट में इससे निपटने का कोई जिक्र नहीं है।

उन्होंने कहा कि नई सरकार बनने के बाद संसद के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि महंगाई पर काबू पाना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता होगी।

उन्होंने कहा कि लेकिन असलियत में इस सरकार ने रेल किराए, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने के साथ ही महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

सिंधिया ने सरकार से सवाल किया कि महंगाई बढ़ाने वाले कितने जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई की या उन्हें गिरफ्तार किया? सिंधिया ने कहा कि सूखे की आशंका को देखते हुए जमाखोरों ने अभी से अपना खेल शुरू कर दिया है और सरकार यदि वाकई महंगाई पर काबू करना चाहती है तो उसे उनके खिलाफ कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि इस सरकार के आने के बाद से आम आदमी पर प्रति परिवार 416 रुपए का भार कम हुआ है लेकिन उसके साथ ही महंगाई आदि के कारण 1200 रुपए का भार बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि सपनों को पिरोना और आशा जगाना आसान होता है लेकिन उन्हें पूरा करना बहुत मुश्किल होता है।

सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए यह भी कहा था कि भारत की पहचान ‘स्कैम इंडिया’ की हो गई है जिसे तोड़ना जरूरी है।

सिंधिया ने कहा कि लेकिन सत्तारूढ़ दल के सांसद गिरिराज सिंह के घर से 1 करोड़ 14 लाख रुपए की नकदी के साथ बड़ी मात्रा में सोना और चांदी बरामद हुआ है। उन्होंने जानना चाहा कि क्या इस सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होगी?

उन्होंने कहा कि अगर घर साफ नहीं होगा तो देश साफ कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि बरसों बाद अपने बूते कोई पार्टी बहुमत की सरकार बनाने में सफल हुई लेकिन इसके बावजूद उसके बजट में साहसिक निर्णयों और लक्ष्यों का पूर्णतया अभाव है।

चुनाव में नरेन्द्र मोदी और भाजपा द्वारा दिए गए नारों पर कटाक्ष करते हुए सिंधिया ने कहा कि 1 साल से हम सुनते रहे कि सत्ता में आने पर भाजपा क्या-क्या चमत्कार करेगी? महंगाई कम कर देगी, अच्छे दिन लाएगी, गरीबी में कमी लाएगी, सबका साथ लेकर सबका विकास करेगी।

उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ का भी नारा दिया था, लेकिन आज हम उनकी सरकार के पहले बजट को ‘कांग्रेसयुक्त बजट’ के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार के पहले बजट में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की बहुत सारी नीतियों को समाहित किया गया है और इसके लिए हम उसका धन्यवाद करते हैं।

उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र की एफडीआई को इस सरकार ने 26 से बढ़ाकर 49 फीसदी करने का फैसला किया है, लेकिन यहां ये याद दिलाना जरूरी है कि जब यही प्रस्ताव संप्रग सरकार ने किया था तो आज के प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विट किया था कि ‘भारत को विदेशियों को बेचा जा रहा है, हमें इसका विरोध करना चाहिए।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसी तरह नई सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) लागू करने की भी घोषणा की है जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मोदी ने इसका विरोध किया था। (भाषा)

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