देहरादून। गत वर्ष उत्तराखंड में आई भीषण तबाही के बाद राज्य सरकार ने इस बार इस यात्रा को सकुशल निबटाने के लिए कमर कस ली है।
पहाड़ी क्षेत्रों में घटने वाली आपदा के वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से पूर्वानुमान के लिए उत्तराखंड सरकार के अनुरोध पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है।
मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए आईएमडी उत्तराखंड में 3 डॉप्लर राडार, 75 रेन गेज मीटर, 5 माइक्रो रेन राडार, 4 कॉम्पैक्ट राडार, 75 वेदर स्टेशन और हेलीकॉप्टर सपोर्ट वेदर सिस्टम लगाएगा।
यह जानकारी मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में बैठक के दौरान आईएमडी के महानिदेशक एलएस राठौर ने दी। मुख्य सचिव ने एमडी आईएमडी से उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों के अनुसार पूर्वानुमान उपकरण लगाने के लिए कहा।
गत वर्ष जून माह में आई आपदा के बाद से राज्य सरकार इस दिशा में कारगर उपाय करने का अनुरोध भारत सरकार से करती रही है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 116 करोड़ रुपए की परियोजना मंजूर कर दी है। इस धनराशि से अत्याधुनिक ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और राडार स्थपित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम विज्ञान और राज्य सरकार की टीम स्थल का चयन कर ले, इस पर तत्परता से कार्य करने की जरूरत है।
कैबिनेट की बैठक : गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में चारधाम यात्रा विशेष रूप से केदारनाथ व बद्रीनाथ की व्यवस्थाओं व किए जा रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। बताया गया कि अधिकांश सड़क मार्गों पर ब्लैक टापिंग कर दी गई है।
डीजीबीआर सोनप्रयाग से गौरीकुंड पार्किंग तक वैकल्पिक ट्रैक रूट भी बना रहा है। गौरीकुंड से रामबाड़ा तक 3 पुल बनाए जा चुके है। लिंचौली से केदारनाथ तक आसान ढलान का वैकल्पिक पैदल मार्ग 30 मई तक तैयार कर लिया जाएगा।
नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा बताया गया कि लिंचौली से केदारनाथ के लिए 12 मई से हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रारंभ कर दी जाएंगी। कैबिनेट द्वारा निर्देशित किया गया कि मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए केदारनाथ के लिए प्रतिदिन अधिकतम 500 यात्रियों को अनुमति दी जाए। इनमें 100 यात्री उत्तराखंड के होंगे।
केदारनाथ में बुजुर्ग यात्रियों के लिए गोल्फ काट की व्यवस्था की जाएगी। कैबिनेट लिंचौली से केदारनाथ के लिए रोप-वे निर्माण की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
बताया कि केदारनाथ, गौरीकुंड, लिंचौली व सोनप्रयाग में ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य आवश्यक उपकरणों व दवाइयों सहित चिकित्सकों की तैनाती की गई है। अगले 2 सप्ताह में केदारनाथ में 100 व लिंचौली में 30 टॉयलेट का निर्माण कर दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने नदियों के तलछट ऊंचे हो जाने से आगामी बरसात में बाढ़ की आशंकाओं को देखते हुए मशीनों की सहायता से पानी की निकासी का मार्ग बनाने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए।
कैबिनेट ने समस्त आपदाग्रस्त क्षेत्रों में शिक्षकों की नियुक्ति में शिथिलीकरण के लिए प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। राज्य में वर्ग 3 की भूमि के नियमितीकरण का शासनादेश एक सप्ताह में निर्गत करने के निर्देश दिए गए।
कैबिनेट में यह भी तय किया गया है कि कार्यों में तेजी लाने के लिए समस्त विभाग टेंडर से संबंधित विज्ञापन सीधे ही अखबारों को जारी कर सकते हैं। सूचना विभाग विकासात्मक व नीति संबंधी विज्ञापन का कार्य देखेगा।