सपा और कांग्रेस का गठबंधन टूटा

शुक्रवार, 6 मार्च 2009 (17:32 IST)
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब उसकी ओर से 24 सीटों की घोषणा से नाराज समाजवादी पार्टी ने उसके साथ चुनावी गठबंधन तोड़ने का शुक्रवार को ऐलान कर दिया।

सपा महासचिव अमरसिंह ने बताया कि मैं कठोर शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहता हूँ, लेकिन गठबंधन टूट चुका है। सिंह ने कहा कि गठबंधन का 'शोक समाचार' उसी दिन लिखा जा चुका था जिस दिन कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश में अपने 24 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की थी।

सपा महासचिव ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी की सहमति का कोई बिंदु नहीं रहा है, क्योंकि सपा उसे अधिक से अधिक 17 सीट देने को तैयार थी, जबकि कांग्रेस राजनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण राज्य की कुल 80 सीटों में से कम से कम 25 सीट की माँग कर रही थी।

सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय या क्षेत्रीय कोई भी पार्टी गठबंधन के नाम पर अपनी जीती हुई सीट दूसरी पार्टी को नहीं देती। सपा महासचिव का यह बयान कांग्रेस की ओर से 24 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के दो दिन बाद आया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने एकतरफा तौर पर अपने 63 उम्मीदवारों की घोषणा की थी।

सिंह ने कहा कि जिस समय कांग्रेस के साथ उत्तरप्रदेश लोकसभा चुनाव में सीटों के बँटवारे की बातचीत शुरू हुई थी, उसी समय सपा ने घोषणा कर दी थी कि उनकी पार्टी राहुल गाँधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी और सोनिया गाँधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी और यह वायदा हम पूरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को बचाने और परमाणु करार को अंजाम तक पहुँचाने का अपना वायदा पूरा किया है।

वह उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने का वायदा भी पूरा करना चाहती है। हमने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं, जो उसे स्वीकार नहीं है। अब हम अपने भाग्य पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस की स्थिति राज्य में कितनी मजबूत है यह हाल ही में हुए भदोही उपचुनाव से पता चल गया है।

एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश में उनकी पार्टी का सीधा मुकाबला बहुजन समाज पार्टी से है और यदि किसी सीट पर उनकी पार्टी का उम्मीदवार बसपा के उम्मीदवार के मुकाबले कमजोर दिखाई दिया और वहाँ पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत है तो ऐसी स्थिति में वह उस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

कांग्रेस के 'जय हो...' नारे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि नारे से कोई जीत या हार नहीं होती है वास्तव में हार और जीत पार्टी के नेतृत्व और कार्यों से होती है। सभी को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि नारे कभी वोट लुभाने वाले नहीं होते हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें