सोनिया के खिलाफ शिकायत पर छह महीने में फैसला हो

बुधवार, 27 अगस्त 2014 (19:52 IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग को निर्देश दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत पर छह महीने के भीतर फैसला करे। सोनिया गांधी के खिलाफ यह शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग के उस निर्देश का पालन नहीं करने के मुद्दे पर है जिसमें कहा गया था कि पार्टी सूचना के अधिकार कानून के तहत जवाबदेह है।

जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता आरके जैन ने सोनिया के खिलाफ अपनी शिकायत के साथ आयोग का दरवाजा खटखटाया था जिसमें कहा गया था कि पार्टी ने उनका 7 फरवरी 2014 का आरटीआई आवेदन बिना जवाब के लौटा दिया था।

आयोग की पूर्ण पीठ ने कांग्रेस और पांच अन्य राष्ट्रीय दलों भाजपा, भाकपा, माकपा, राकांपा और बसपा को लोक प्राधिकार घोषित करते हुए उन्हें आरटीआई अधिनियम के तहत जवाबदेह बनाया था।

आरटीआई अधिनियम के तहत सूचना प्रदान करने से इंकार करना या पूरी सूचना नहीं देने को अपराध माना गया है और उसके लिए उस दिन से प्रतिदिन 250 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है जिस दिन से सूचना देना जरूरी हो जाता है और जिस दिन लोक प्राधिकार के लोक सूचना अधिकारी ने सूचना दी।

किसी भी राजनीतिक दल ने अब तक आयोग के इस फैसले के खिलाफ स्थगनादेश हासिल नहीं किया है जिसमें इन पार्टियों को लोक प्राधिकार घोषित किया गया है। इसका आशय है कि उन्हें आरटीआई कानून के तहत आरटीआई आवेदनों पर विचार की प्रक्रिया को अवश्य अपनाना चाहिए।

लेकिन जब जैन ने कांग्रेस पार्टी के पास आरटीआई अधिनियम को लागू करने के लिए पार्टी की ओर से उठाए गए कदमों पर जानकारी मांगी तो पार्टी ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया और लिफाफे को लौटा दिया। (भाषा)

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