नई दिल्ली। साठ अग्रणी वैज्ञानिकों ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना पर चिंता जाहिर करते हुए विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र समिति से सुरक्षा मुद्दों का नए सिरे से अध्ययन कराने की मांग की है।
तमिलनाडु और केरल के मुख्यमंत्री को एक पत्र में 60 वैज्ञानिकों ने संयंत्र में खासकर कम गुणवत्ता के कलपुर्जे के संभावित इस्तेमाल का हवाला देते हुए ये शंका जाहिर की है। अधिकतर वैज्ञानिक सरकारी संस्थान के हैं।
उन्होंने कहा है, ये सुरक्षा चिंताएं इस तथ्य से पैदा होती हैं कि रूसी अधिकारियों ने जिओ-पोदोल्सक के खरीद निदेशक (प्रोक्योरमेंट डायरेक्टर) सर्गेई सुतोव को बल्गारिया, ईरान, चीन और भारत में रूसी परमाणु संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले कल-पुर्जे के लिए सस्ते और कम गुणवत्ता के इस्पात की आपूर्ति के आरोपों में गिरफ्तार किया।
वैज्ञानिकों ने कहा कि कम गुणवत्ता के कल-पुर्जे की कई शिकायतों पर सुतोव को गिरफ्तार किया गया और बल्गारिया और चीन में जांच हुई।
फुकुशिमा हादसा का हवाला देते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है, हालिया खुलासों के मद्देनजर इस तरह के जोखिम को कम करने के लिए हमारा मानना है कि महत्वपूर्ण होगा कि दोनों रिएक्टरों में इस्तेमाल कल-पुर्जे की फिर से स्वतंत्र और गुणवत्तापूर्ण जांच हो।
इस मुहिम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, आईआईटी बम्बई और मद्रास, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और डीएई सहायता प्राप्त हरीशचंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट सहित अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक हैं। (भाषा)