शिवपुरी। दोनों किडनियां फेल, हर तीसरे दिन डायलिसिस, आईसीयू के कमरे में पलंग के चारों तरफ लगीं नलियां, पर जज्बा किसी 'बाहुबली' से कम नहीं। ये कहानी है मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की छात्रा अंशुल गौतम की।
शिवपुरी के नवाब साहब रोड पर रहने वाली अंशुल गौतम ने परिणाम आने के बाद कहा - जिंदगी में असफलता के लिए कई बहाने हैं, लेकिन सफलता का एक ही रास्ता है कि जिंदादिली के साथ आगे बढ़ा जाए और मैंने वही किया। परिजनों और शिक्षकों ने भी हौसला अफजाई की, बीमारी से लड़ाई अपनी जगह है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार नवंबर में अंशुल की दोनों किडनी फेल होने की जानकारी लगी, जिसके बाद उसे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करने ले गए। गले और हाथ में सर्जरी हुई, हर तीसरे दिन डायलिसिस किया जाने लगा, लेकिन बहादुर बिटिया की जिद थी कि परीक्षा जरूर देगी।
हालत को देखते हुए पिता अजय गौतम, चाचा रविकांत गौतम से लेकर डॉक्टरों व सेंट्रल स्कूल शिवपुरी की प्राचार्य व शिक्षकों ने समझाया कि तुम्हारी हालत ठीक नहीं है। इस साल ड्रॉप ले लो, लेकिन अंशुल नहीं मानी और तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद परीक्षा दी।