15 साल पुराने वाहनों के खिलाफ याचिका खारिज

सोमवार, 20 अप्रैल 2015 (19:02 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की सड़कों पर 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने सहित अनेक निर्देशों वाले 'राष्ट्रीय हरित अधिकरण' के आदेश के खिलाफ याचिका आज खारिज कर दी।
 
प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने हरित अधिकरण का आदेश निरस्त करने के लिए एक वकील की याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘हमे उसे (अधिकरण) हतोत्साहित नहीं, बल्कि उसका सहयोग करना चाहिए।’ 
 
न्यायाधीशों ने कहा, ‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण तो सिफ सांविधानिक अदालतों (उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों) द्वारा दिए गए आदेशों को ही दोहरा रहा है।’ राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पिछले साल 26 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले 15 साल से अधिक पुराने मोटर वाहनों को सडक़ों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और जहां कहीं भी इतने पुराने वाहन दिखाई पडेंगे, संबंधित प्राधिकारी उन्हें मोटर वाहन कानून के प्रावधानों के तहत जब्त करने सहित सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
 
अधिकरण ने कहा था कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर खडा करने की अनुमति नहीं होगी और पुलिस उन्हें कानूनी प्रावधानों के अनुसार उठाएगी और उनका चालान करेगी।
 
अधिकरण ने यह भी कहा था कि यह निर्देश सभी वाहनों पर लागू होगा और किसी भी वर्ग के वाहन को इससे छूट नहीं होगी। इसका तात्पर्य यह था कि इस निर्देश के दायरे में सभी किस्म के वाहन दुपहिया, तिपहिया, चार पहिए वाले और हल्के तथा भारी वाहन आ गए थे।
 
वकील विशाल श्रीपति जोगदंड ने इस आदेश को विभिन्न आधारों पर शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि हरित अधिकरण को जनहित वाली प्रकृति के मामलों की सुनवाई का अधिकार नहीं है।
 
याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि 1997-98 से वाहनों में सीएनजी ईंधन के प्रयोग से भी वायु प्रदूषण कम करने में मदद नहीं मिली, इसलिए वायु प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के लिए अध्ययन की आवश्यकता है। लेकिन न्यायालय इस तरह की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने संक्षिप्त सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी।
 
इससे पहले, हरित अधिकरण ने 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों के प्रचालन पर रोक लगाने के साथ ही खुले मैदान में प्लास्टिक या किसी अन्य तरह की साम्रगी जलाने पर भी रोक लगा दी थी।
 
अधिकरण ने कहा था कि यदि खुले मैदान में पत्तियां या कोई अन्य सामग्री जलाते हुए कोई व्यक्ति पकडा गया तो उसके खिलाफ कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
 
अधिकरण ने यह भी आदेश दिया था कि दिल्ली के सभी बाजारों की सड़कों को नियमित यातायात के लिए सुनिश्चित किया जाए और उन पर वाहनों को पार्क करने की इजाजत नहीं दी जाए।
 
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम करने के इरादे से सभी प्रतिवादियों को तत्काल आवश्यक कदम उठाने और दिल्ली में साइकिल ट्रैक उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया था। (भाषा)

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