वैश्विक परामर्श कंपनी 'बेन एंड कंपनी' और परमार्थ केंद्रित घरेलू सलाहकार कंपनी डासरा ने अपनी रिपोर्ट 'भारत परमार्थ 2022' में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, जहां कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च वित्त वर्ष 2014-15 के 12 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 23 प्रतिशत हो गया, वही अत्यधिक अमीरों या धनाढ्यों द्वारा परोपकार कार्यों पर खर्च वित्त वर्ष 2014-15 के 18 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2020-21 में 11 प्रतिशत पर आ गया।
रिपोर्ट में पाया गया कि वित्त वर्ष 2014-15 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच सामाजिक क्षेत्र के लिए वित्तपोषण सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 8.3 प्रतिशत हो गया। रिपोर्ट में परमार्थ को तीन श्रेणियों- सीएसआर, दान और पारिवारिक परोपकार में बांटा गया है।