नई दिल्ली। 26 नवंबर 2008 को इस्लामाबाद में भारत-पाकिस्तान की गृह सचिव स्तर की बातचीत खत्म ही हुई थी कि मुंबई में सीमापार से आए आतंकियों ने हमला कर दिया। हमले के करीब साढ़े सात साल बाद अब पता चल रहा है कि इस दौरान भारत के गृहमंत्रालय का शिष्ट मंडल पाकिस्तान में मौजूद था और पाकिस्तानी मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहा था। इतना ही नहीं पाकिस्तान के आग्रह पर भारतीय गृह सचिव एक दिन और वहां रोक गए थे।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तत्कालीन भारत के गृह सचिव रहे मधुकर गुप्ता और कुछ अन्य शीर्ष अधिकारी पाकिस्तान में मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहे थे। यही नहीं, मधुकर गुप्ता और अन्य अफसरों ने मुरी के हिल रिट्रीट में अपना प्रवास एक दिन और बढ़ा लिया था।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 में ही पाकिस्तान से गृह सचिव स्तर की वार्ता के लिए भारत सरकार का शिष्ट मंडल पाकिस्तान गया था। वार्ता के खत्म होने बाद अधिकारियों को भारत वापस लौटना था, लेकिन वे पाकिस्तान में बेवजह एक दिन और ठहरे।
बताया जा रहा है कि पाक अधिकारियों ने ही भारतीय अधिकारियों को वहां एक और दिन रुकने के लिए कहा था। कारण बताया गया कि पाकिस्तान के गृहमंत्री यात्रा पर थे और उनसे मिलने के लिए भारतीय अधिकारियों के रोका गया था। मुंबई में आतंकी हमला 27 नवंबर को भी जारी रहा, ऐसे हालात में पाक अधिकारियों का भारतीय समकक्षों को एक और दिन रोकना और भारतीय अफसरों का इसके लिए तैयार हो जाना कई सवाल खड़े करता है।