उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायपालिका भी महिला के परिवार के साथ न्याय नहीं कर पाया। उन्होंने कहा, अदालत परिसर में महिला के परिवार को घुसने की इजाजत नहीं दी गई, जबकि व्यक्ति के सारे रिश्तेदार परिसर में मौजूद थे जिन्होंने लड़की पर दबाव बनाया। इस तरह इसे न्यायोचित ठहराया गया।