राज्यसभा सचिवालय के शोध प्रभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिर्फ 12 सेवानिवृत्त सदस्य फिर से निर्वाचित हो रहे हैं, जबकि सात ऐसे सदस्य निर्वाचित हुए हैं जो अतीत में सदस्य थे। इसके साथ ही राज्यसभा के सदस्यों का सामूहिक अनुभव केवल 63 कार्यकालों का रह जाएगा।
पहली बार राज्यसभा का सदस्य बनने वाले प्रमुख नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे, एम थंबीदुरई (लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष), केसी वेणुगोपाल और केआर सुरेश रेड्डी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि फिर से निर्वाचित होने वाले 12 सदस्यों में भुवनेश्वर कलिता और प्रेमचंद गुप्ता (पांचवें कार्यकाल के लिए) शामिल हैं। इसके अलावा तिरुचि शिवा (चौथे कार्यकाल के लिए), के. केशव राव, विश्वजीत दैमारी और परिमल नथवानी (सभी तीसरे कार्यकाल के लिए), शरद पवार, रामदास आठवले, हरिवंश, दिग्विजय सिंह, केटीएस तुलसी और रामनाद ठाकुर (सभी दूसरे कार्यकाल के लिए सभी) निर्वाचित हो रहे हैं।
जीके वासन, दिनेश त्रिवेदी और नबम राबिया (सभी तीसरे कार्यकाल के लिए) उच्च सदन के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। उनके साथ ही देवेगौड़ा, शिबू सोरेन (झारखंड से जीतने की उम्मीद) और ओंकार सिंह लखावत (राजस्थान से जीत की उम्मीद) का उच्च सदन में दूसरा कार्यकाल होगा। (भाषा)