सूत्रों के अनुसार स्किल इंडिया पहल में बड़ा योगदान करते हुए रेल मंत्रालय फिटर, टर्नर, मशीन वेल्डर, पेंटर, बढ़ई, इलेक्ट्रिशियन, रेफ्रिजरेटर और एसी मकैनिक और मोटर वाहन मैकेनिक आदि विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। मंत्रालय ने अपनी 16 जोनल इकाइयों और सात उत्पादन इकाइयों में 30 हजार प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण करने का लक्ष्य रखा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रेलवे अपने मानव संसाधन विकास में श्रम बल के कौशल विकास को महत्वपूर्ण मानता है। उसका मानना है कि श्रम बल को आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करने के लिए उनका बाहर से प्रशिक्षण लेना काफी नहीं है बल्कि उन्हें उस स्थान पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जहां पर वह काम कर रहे हैं। ऐसा प्रशिक्षण कुल प्रशिक्षण अवधि का 20 से 30 प्रतिशत होता है। नौकरी में रहते हुए दिया जाने वाला प्रशिक्षण उस प्रतिष्ठान में दिया जाता है, जहां अप्रेंटिस कार्यरत होता है। (वार्ता)