दिल्ली शराब नीति घोटाले में ईडी की ओर से दायर चार्जशीट में दावा किया गया है कि आम आदमी पार्टी को विदेशों से फंडिंग की गई है। ED ने अगस्त 2022 में गृह मंत्रालय को बताया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) को साल 2014 से 2022 के दौरान FCRA, RPA का उल्लंघन करते हुए विदेशों से फंडिंग मिली। गृह मंत्रालय को दी गई अपनी रिपोर्ट में ईडी ने बताया है कि 2014 से 2022 के बीच आम आदमी पार्टी को कुल 7.08 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग मिली है।
यह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम, जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम और भारतीय दंड सहिंता का उल्लंघन है। रिपोर्ट के अनुसार आप आदमी पार्टी को अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, ओमान में रहने वाले कई लोगों से पैसा मिला है।
ED ने गृह मंत्रालय को बताया कि सियासी दलों पर विदेशी चंदे पर लगे प्रतिबंधों से बचने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने अकाउंट में पैसा देने वालों की पहचान को छुपाया। यह विदेशी फंडिंग डायरेक्ट आम आदमी पार्टी के IDBI बैंक में खुले अकाउंट में आई थी।
ओवरसीज संगठन बनाया : ED को जांच के दौरान पता चला कि आम आदमी पार्टी की तरफ से AAP ओवरसीज इंडिया का गठन किया गया था। आम आदमी पार्टी ओवरसीज इंडिया को वॉलिंटियर्स यूएसए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे अलग-अलग देश में चलाते थे। जिनका काम आम आदमी पार्टी के लिए फंड इकट्ठा करना था। इस बात का भी खुलासा हुआ कि साल 2016 में इन वालंटियर्स को 50 करोड़ रुपए की डोनेशन इकट्ठी करने का टारगेट दिया गया था।
विधायक के खाते में आया पैसा : ED के अनुसार आम आदमी पार्टी के नेताओं में शामिल विधायक दुर्गेश पाठक का भी नाम शामिल है, जिन्होंने इस विदेशी फंडिंग को अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर किया। विदेशों से फंड भेजने वाले अलग-अलग लोगों ने एक ही पासपोर्ट नंबर, क्रेडिट कार्ड, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया था। ED की जांच में सामने आया कि 2016 में आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने कनाडा में हुए एक इवेंट के जरिए फंडिंग इकठ्ठा की और इन पैसों का निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया।