मोबाइल की लत एक तिहाई युवाओं को दे रही बीमारियों का खतरा!
रविवार, 28 मार्च 2021 (14:58 IST)
मोबाइल युवाओं के लिए खतरा बनता जा रहा है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। स्टडी में कहा गया है कि दुनियाभर में करीब एक तिहाई युवा स्मार्टफोन की लत का शिकार हैं। इससे होने वाले खतरे जानकार हैरान रह जाओगे।
दिन में आप कितनी बार अपने फोन को उठाते हैं, नियमित रूप से सोशल मीडिया पर सूचनाओं की जांच करते हैं, फोन पर मैसेज आते ही आप जल्द से या कहें बेकाबू होकर उसे देखने के लिए आगे बढ़ते हैं। ये सारी चीजें अगर आपके साथ हैं तो आपको फोन की लत है और ऐसा करने वाले आप अकेले नहीं हैं। दुनियाभर में करीब एक तिहाई युवा इस बीमारी का शिकार हैं।
किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है। शोधकर्ताओं ने 1,043 लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया। इन प्रतिभागियों की आयु सीमा 18 से 30 वर्ष के बीच की थी।
इनमें से करीब एक तिहाई युवाओं ने स्मार्टफोन की लत के लक्षणों की सूचना दी है। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन में शामिल 39 फीसदी प्रतिभागियों में अपने फोन को लेकर नियंत्रण खोने जैसे लक्षण दिखाई दिए।
शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन में शामिल स्मार्टफोन की लत के शिकार दो तिहाई से अधिक लोगों को नींद की समस्या हो रही है। ये लोग एक अच्छी रात की नींद के लिए तरस रहे हैं। यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, ये समस्याएं उनके जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। जिन प्रतिभागियों ने सेलफोन के उच्च उपयोग की सूचना दी, उनमें नींद की खराब गुणवत्ता पाई गई। यह पूर्व के अध्ययनों के अनुरूप है जो रात में स्मार्टफोन के अति प्रयोग को कम नींद और दिन की थकान के साथ जोड़ते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि सोते समय स्मार्टफोन से करीबी या उपयोग सर्केडियन लय की प्रणाली में बदलाव करती है।
तो क्या है उपाय: समय निर्धारित करें
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस लत से निकलने के लिए सबसे पहले, अपने फोन को दिन के कुछ समय पर बंद करें, जैसे कि जब आप मीटिंग्स में भाग ले रहे हों, डिनर कर रहे हों, अपने बच्चों के साथ खेल रहे हों और बेशक, ड्राइविंग कर रहे हों।
सोशल मीडिया यूज बंद करें
मोबाइल से कुछ एप्लीकेशन का उपयोग सीमित करें। अपने फोन से सोशल मीडिया एप जैसे फेसबुक और ट्विटर के उपयोग को कम कर सकते हैं। इन्हें चेक करने के लिए फोन के बजाए लैपटाप का उपयोग कर सकते हैं।
इसके साथ ही मनोचिकित्सक मेला रॉबर्ट्स का कहना है कि अपने स्मार्टफोन को ग्रेस्केल में बदल दें। इससे आपकी एकाग्रता में सुधार होगा। सुबह जागने के लिए फोन के स्थान पर पुराने जमाने के अलार्म का इस्तेमाल करें।