वकील गौतम खेतान को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जमानत याचिका दायर
शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019 (23:58 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कथित रूप से कालाधन रखने और धनशोधन के एक नए मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे गए अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी वकील गौतम खेतान की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से शुक्रवार को जवाब मांगा है।
पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद खेतान को विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश किया गया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से अनुरोध किया कि उसे न्यायिक हिरासत में दिया जाना चाहिए। ईडी ने कहा कि यदि उसे छोड़ा जाता है तो खेतान न्याय से भाग सकता हैं और जांच को प्रभावित कर सकता है जिसके बाद अदालत ने उसे 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत के आदेश पारित करने के बाद खेतान के वकील पीके दुबे ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत के लिए इस आधार पर याचिका दायर की कि उससे और पूछताछ की जरूरत नहीं है। दुबे ने अदालत को बताया कि खेतान 25 वर्षों से अधिक समय से एक वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं और उनकी समाज में गहरी जड़ें हैं।
इसके बाद अदालत ने ईडी के सरकारी वकीलों डीपी सिंह और एनके मत्ता को 15 फरवरी तक जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा। खेतान को धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 25 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। खेतान पर पहले से ही अगस्ता वेस्टलैंड से संबंधित एक मामले में मुकदमा चल रहा है और वे जमानत पर थे।
आयकर विभाग द्वारा कालाधन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) एवं कराधान अधिनियम 2015 की धारा 51 के तहत उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किए जाने के आधार पर ईडी ने पीएमएलए के तहत खेतान के खिलाफ एक नया आपराधिक मामला दर्ज किया था।
ईडी ने दावा किया था कि उसके पास अज्ञात संपत्तियों की जानकारी है जिसका मूल्य 500 करोड़ रुपए से अधिक है। आयकर विभाग ने इससे पूर्व कालाधन निरोधक कानून के तहत इस नए मामले में खेतान के खिलाफ छापेमारी की थी। ईडी और सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच के सिलसिले में कुछ वर्ष पहले खेतान को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने बताया कि दोनों एजेंसियों ने उसके खिलाफ एक आरोपपत्र भी दायर किया था और जब उसे नए मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया और उस समय वह जमानत पर था। (भाषा)