पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद खेतान को विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश किया गया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से अनुरोध किया कि उसे न्यायिक हिरासत में दिया जाना चाहिए। ईडी ने कहा कि यदि उसे छोड़ा जाता है तो खेतान न्याय से भाग सकता हैं और जांच को प्रभावित कर सकता है जिसके बाद अदालत ने उसे 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इसके बाद अदालत ने ईडी के सरकारी वकीलों डीपी सिंह और एनके मत्ता को 15 फरवरी तक जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा। खेतान को धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 25 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। खेतान पर पहले से ही अगस्ता वेस्टलैंड से संबंधित एक मामले में मुकदमा चल रहा है और वे जमानत पर थे।
ईडी ने दावा किया था कि उसके पास अज्ञात संपत्तियों की जानकारी है जिसका मूल्य 500 करोड़ रुपए से अधिक है। आयकर विभाग ने इससे पूर्व कालाधन निरोधक कानून के तहत इस नए मामले में खेतान के खिलाफ छापेमारी की थी। ईडी और सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच के सिलसिले में कुछ वर्ष पहले खेतान को गिरफ्तार किया था।