Biparjoy cyclone: गुजरात के कच्छ जिले में शनिवार को दुकानों और कारोबारी प्रतिष्ठानों के शटर खोल दिए गए, जो स्थिति सामान्य होने का संकेत है। वहीं अधिकारी चक्रवात 'बिपरजॉय' (Biparjoy) से प्रभावित कई शहरों ओर सैकड़ों गांवों में बिजली बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। आईएमडी (IMD) ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से राज्य के कई उत्तरी जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपनी ताजा अद्यतन जानकारी में बताया कि गुरुवार शाम चक्रवात जखौ बंदरगाह पर तट से टकराया था, जो गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल गया है और आगे अब इसका असर कम होगा तथा यह दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा। आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से राज्य के कई उत्तरी जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जखौ और मांडवी में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और राहत एवं बचाव अभियान का प्रबंधन कर रहे लोगों के साथ भुज में समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि चक्रवात के कच्छ से गुजर जाने के बाद क्षेत्र में बारिश नहीं हो रही है और हवा का वेग भी उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने अधिकतर सड़कों से उखड़े हुए पेड़ों को हटा दिया है और भुज एवं मांडवी जैसे शहरों तथा कई गांवों में बिजली बहाल करने के लिए काम किया जा रहा है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि बिजली बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीम काम कर रही हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि वन विभाग की टीम ने सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है।
कच्छ जिले में शनिवार को जनजीवन पर पटरी पर लौटता दिखा और सुबह दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल गए। बिपरजॉय के संभावित आगमन के मद्देनजर सरकार ने राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले 1 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।
आईएमडी ने ट्वीट किया कि 17 जून को भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान से सटे गुजरात और बाड़मेर से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण एवं जोधपुर से 210 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में चक्रवात बिपरजॉय गहरे दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया, जो अगले 6 घंटों के दौरान कमजोर होकर दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा।
कच्छ के अलावा बिपरजॉय के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित जिले देवभूमि द्वारका, बनासकांठा और पाटन के कुछ हिस्से हैं, जहां शुक्रवार को बहुत भारी बारिश हुई। बनासकांठा और पाटन के कई हिस्सों में शनिवार सुबह भी भारी बारिश जारी रही।
गांधीनगर स्थित राज्य आपदा संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार पाटन के संतालपुर तालुका और बनासकांठा में वाव एवं दांता और साबरकांठा जिले के पोशिना में शनिवार सुबह 6 बजे से 4 घंटे तक 40-50 मिलीमीटर बारिश हुई।
आईएमडी ने रविवार सुबह तक बनासकांठा जिले में कुछ स्थानों के साथ पाटन, मेहसाणा और कच्छ में भारी से बहुत भारी बारिश की पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी ने इस अवधि के दौरान गांधीनगर और अहमदाबाद, सुरेन्द्रनगर और मोरबी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की भी चेतावनी दी है।
इसने कहा कि गुजरात के कुछ हिस्सों में बुधवार सुबह तक बारिश होती रहेगी जबकि रविवार सुबह से राज्य में भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं है। इससे पूर्व राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि राज्य में चक्रवात से जुड़ी किसी भी घटना में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। उन्होंने इसे सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि 1,09,000 लोगों को तटीय क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है जिनमें 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक तथा 1,152 गर्भवती महिलाएं हैं।(भाषा)