मंत्रिमंडल गठन के बाद शिवसेना और एनसीपी में बवाल, दिखे बगावती तेवर

सोमवार, 16 दिसंबर 2024 (20:15 IST)
Cabinet expansion in Maharashtra: महाराष्ट्र में मुख्‍यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी में बागी तेवर दिखना शुरू हो गए हैं। शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर, एनसीपी नेता छगन भुजबल ने भी मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। हालांकि छगन की अगली रणनीति क्या हो गया फिलहाल उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया है। 
 
भुजबल ने जाहिर की नराजगी : मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज भुजबल नागपुर में न तो एनसीपी के सम्मेलन में पहुंचे थे और न ही वे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की। जब उनसे नाराजगी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे नाराज हैं। मुझे भुला दिया, फेंक दिया, क्या फर्क पड़ता है? मंत्री पद आया गया, लेकिन भुजबल कभी खत्म नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अजित पवार के साथ उनकी चर्चा नहीं हुई है, इसकी जरूरत भी नहीं है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में और भी नाराज चेहरे सामने आ सकते हैं।  ALSO READ: Maharashtra : महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद फिर हिन्दुत्व की राह पर उद्धव की शिवसेना, हनुमान मंदिर की रक्षा के लिए आई आगे
 
38000 से ज्यादा वोटों से जीते थे भोंडेकर : शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने भंडारा जिले दावा किया कि उनकी पार्टी के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह देने का वादा किया था। भोंडेकर शिवसेना के उपनेता और पूर्वी विदर्भ जिलों के समन्वयक हैं। भोंडेकर ने कहा कि भंडारा जिले के संरक्षक मंत्री बनने और इसके विकास के वास्ते काम करने के लिए मंत्रिमंडल में जगह पाने की उनकी इच्छा है। उन्होंने कांग्रेसी प्रतिद्वंद्वी को 38,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर भंडारा से जीत हासिल की थी। ALSO READ: देवेंद्र फडणवीस के साथ पटरी पर महाराष्ट्र की राजनीति
 
भोंडेकर ने कहा कि मैं इस शर्त पर शिवसेना में शामिल हुआ था कि मुझे मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। शिंदे ने मुझसे इसका वादा भी किया था। जब शिंदे पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री बने थे, तब मैं एक निर्दलीय विधायक था और मैंने उन्हें समर्थन दिया था। शिवसेना नेता ने दावा किया कि पिछली सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान भी मंत्री पद के लिए उनके नाम पर विचार किया गया था।
 
उल्लेखनीय है कि देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रविवार को महायुति के सहयोगी दलों के कुल 39 विधायकों ने शपथ ली थी, जिनमें 16 नए चेहरे शामिल हैं। 10 पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई। भाजपा को 19 मंत्री पद मिले, जबकि शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राकांपा को 9 मंत्री पद मिले।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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