इसकी लागत 50 करोड़ है और 50 टन वजन है। इसे प्रधानमंत्री के सीधे आदेश से दागा जा सकता है। अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल है। भारत के अलावा अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन के पास ही ऐसी मिसाइल मौजूद है। 19 अप्रैल 2012 को सफल परीक्षण हुआ था। इसे सुबह 8.05 पांच मिनट पर दागा गया। यह सही निशाने पर जाकर लगा है। इसे किसी भी हाईवे से खड़ा होकर सड़क से दागा जा सकता है। इस मिसाइल की हद में चीन और योरप के सभी ठिकाने हद में आ गए हैं।