मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह मीडिया की आजादी पर हमला था, सिर्फ इस आरोप पर कि दो लोगों ने मीडिया को 'मैनेज' करने के एक कथित अनुबंध किया था, हम मीडिया की स्वतंत्रता में कटौती नहीं कर सकते।
पत्रकार हरी जयसिंह की याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, हम बिना किसी प्रत्यक्ष संलिप्तता या ठोस साक्ष्य के बगैर जांच के आदेश नहीं दे सकते। सिंह ने आरोप लगाया है कि अगस्टा वेस्टलैंड डील में मीडिया को 'मैनेज' करने के लिए 50 करोड़ रुपए का गैर कानूनी तरीके से भुगतान किया गया था।