एसोसिएशन के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम् ने बताया कि संघ इस फैसले के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि विरोध के स्वरूप के बारे में एक-दो दिन में कोई फैसला किया जाए गा। उन्होंने कहा, 'इस समय देश की जरूरत बड़ा बैंक नहीं, बल्कि मजबूत बैंक है।'
उन्होंने कहा पांच अनुषंगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर अपने-अपने राज्यों की जरूरतों के हिसाब से अच्छा काम कर रहे हैं। इनके विलय से एसबीआई के साथ इन पांचों बैंकों का भी नुकसान होगा।
श्री वेंकटचलम् ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों की नकल करने से हमारे देश की जरूरतें पूरी नहीं होंगी। ऐसे समय में जब बैंकों की जोखिम में फंसी परिसंपत्ति पहले ही बहुत ज्यादा है, सरकार को विलय की बजाय उसके समाधान पर ध्यान देना चाहिए। (वार्ता)