नई दिल्ली। देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान एम्स के मुर्दाघर को अब जल्द ही बदबू से निजात मिलने जा रही है और संस्थान को पोस्टमॉर्टम की आधुनिक सुविधा से युक्त मुर्दाघर मिलने वाला है। देश में यह इस तरह का पहला मुर्दाघर होगा और इससे फॉरेंसिक विशेषज्ञों को एक अच्छे वातावरण में पोस्टमॉर्टम करने में सुविधा होगी।
गुप्ता ने कहा कि आमतौर पर ऐसा होता है कि जिस जगह पर पोस्टमॉर्टम होता है, वहां पर बहुत बदबू आती रहती है और उस जगह का माहौल अप्रिय हो जाता है। ऐसे वातावरण में पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी जल्दी में अपना काम करते हैं और शव का पूरी तरह से परीक्षण नहीं हो पाता।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह मृतकों के परिजनों और जांच के लिए मौजूद रहने वाले पुलिस अधिकारियों के लिए भी अप्रिय अनुभव होता है तथा मेडिको-लीगल मामलों में विशेषज्ञों के लिए पोस्टमॉर्टम करना और मौत के कारणों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती होती है। उन्हें विशेष रूप से अचानक होने वाली मौतों या जहर की वजह से होने वाली मौतों के मामलों में शव के सभी हिस्सों का सावधानी से परीक्षण करना होता है।