Air pollution killed 81 lakh people in the world in 2021 : वायु प्रदूषण के कारण वर्ष 2021 में दुनियाभर में 81 लाख लोगों की मौत हुई। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि वायु प्रदूषण के चलते भारत और चीन में मौत के क्रमश: 21 लाख और 23 लाख मामले दर्ज किए गए। एक नए शोध में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण से कैंसर रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
यूनिसेफ के साथ साझेदारी में अमेरिका के स्वतंत्र अनुसंधान संस्थान हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (एचईआई) ने रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण 2021 में भारत में पांच वर्ष से कम आयु के 1,69,400 बच्चों की मौत हुई।
इसके साथ ही नाइजीरिया में 1,14,100 बच्चे, पाकिस्तान में 68,100, इथियोपिया में 31,100 और बांग्लादेश में 19,100 बच्चों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण एशिया में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। इसके बाद उच्च रक्तचाप, आहार और तंबाकू सेवन का स्थान आता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में वायु प्रदूषण से होने वाली मौत के मामलों की संख्या किसी भी पिछले वर्ष के अनुमान से ज़्यादा रही। एक अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत (21 लाखों मौत) और चीन (23 लाख मौत) में कुल मिलाकर मौत के मामले कुल वैश्विक मामलों के 54 प्रतिशत हैं। (भाषा) Edited By : Chetan Gour
वायु प्रदूषण से कैंसर रोगियों के लिए बढ़ जाता है हृदय रोग और मौत का खतरा : एक नए शोध में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण से कैंसर रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य असमानताएं बढ़ सकती हैं और मौत हो सकती है।
शोध में 2000 से 2023 के बीच प्रकाशित आठ दस्तावेजों की समीक्षा की गई, जिसमें हृदय रोग, जैसे दिल का दौरा व स्ट्रोक और कैंसर पर वायु प्रदूषण के प्रत्यक्ष प्रभावों का अध्ययन किया गया। यह शोध 1.1 करोड़ से ज्यादा लोगों पर किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि सूक्ष्म कण (पीएम2.5) प्रदूषण के संपर्क में आने से शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन यानी हानिकारिक तत्वों का बाहर निकालने की प्रक्रिया और सूजन के खिलाफ इसकी सुरक्षा कमजोर हो जाती है, जो कैंसर और हृदय रोग दोनों के लिए सामान्य जोखिम कारक हैं।
शोध लेखकों ने लिखा, वायु प्रदूषण कार्डियो-ऑन्कोलॉजी के मामले में जोखिमपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन के हुआज़ोंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लेखक भी शोध में शामिल हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, वायु प्रदूषण के अस्वास्थ्यकर स्तर के अल्पकालिक संपर्क से भी कैंसर रोगियों के हृदय स्वास्थ्य पर तेजी से असर पड़ सकता है।
शोध के निष्कर्ष जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी) : कार्डियो-ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं। तोंगजी अस्पताल, हुआजहोंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हृदय रोग विशेषज्ञ व शोध के वरिष्ठ लेखक जियाओक्वान रेओ ने कहा, इससे पता चलता है कि वायु गुणवत्ता में अस्थाई गिरावट भी कार्डियो-ऑन्कोलॉजी रोगियों पर तत्काल प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour