Delhi air pollution : दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) से कहा कि भारत में वायु प्रदूषण के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। इससे उनमें उदासी बढ़ रही है, चीजों को याद रखने से जुड़ी कठिनाइयां आ रही हैं और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता कम हो गई है।
पीठ ने उस रिपोर्ट पर गौर किया जिसमें इस बात के सबूत दिए गए थे कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से भारत में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उदासी, चीजों को याद रखने में कठिनाइयां और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता कम होने जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। अधिकरण ने 2 अप्रैल के एक आदेश में कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वायु प्रदूषण ने लोगों, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर आबादी में मनोवैज्ञानिक संकट को बढ़ा दिया है।
अधिकरण ने सीपीसीबी के जवाब को ध्यान में रखते हुए कहा कि अमोनिया, सीसा, निकल, आर्सेनिक और बेंजो (ए) पाइरीन सहित कुछ वायु प्रदूषकों की निगरानी नहीं की जा रही। अधिकरण ने मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई के लिए निर्धारित की।