जयपुर। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, दिल्ली के कुतुब मिनार, आगरा के ताजमहल और मथुरा की ईदगाह मस्जिद के बाद अब अजमेर शरीफ के भी मंदिर होने का दावा किया गया है।
उन्होंने कहा कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सवाल उठाने का मतलब उन करोड़ो लोगो की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है, जो अपने-अपने धर्म को मानने वाले हैं और यहां आते हैं। ऐसे सभी तत्वों को जवाब देना सरकार का काम है।