सीबीआई निदेशक की चयन संबंधी समिति ने वर्मा को बुधवार रात उनके पद से हटाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें अग्निशमन सेवा, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स का महानिदेशक नियुक्त किया था।
वर्मा ने नई जिम्मेदारी संभालने से इंकार कर दिया और कार्मिक मंत्रालय के सचिव को भेजे गए इस्तीफे में कहा कि उन्हें आज से सेवानिवृत्त माना जाए। उन्होंने कहा है कि चयन समिति ने निर्णय लेने से पहले उन्हें केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि स्वभाविक न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाई गई और समूची प्रक्रिया को उलट दिया गया, जिससे कि उन्हें सीबीआई निदेशक के पद से हटाया जा सके।
केन्द्रीय जांच एजेंसी के पूर्व निदेशक ने कहा है कि वह 31 जुलाई 2017 को ही सेवानिवृत्त हो गए होते और वह केवल सीबीआई निदेशक के पद पर 31 जनवरी 2019 तक के लिए नियुक्त किए गए थे। उन्हें यह जिम्मेदारी इस निश्चति अवधि के लिए मिली थी। अग्निशमन सेवा, सिविल डिफेंस और होमगार्ड्स के महानिदेशक के पद की सेवानिवृत्ति की जो आयु है, वह उसे पहले ही पार कर चुके हैं। अत: उन्हें आज से ही सेवानिवृत्त माना जाए।
वर्मा ने यह भी लिखा है कि बुधवार को लिया गया निर्णय उनके कामकाज के बारे में तो संकेत देता ही है, लेकिन साथ ही यह इस बात का भी सबूत बनेगा कि कोई भी सरकार सीवीसी के माध्यम से एक संस्थान के तौर पर सीबीआई के साथ किस तरह का व्यवहार करेगी। यह सामूहिक आत्मचिंतन का क्षण है।