उच्च न्यायालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) को इस मामले को देखने का निर्देश दिया था। आरपीओ द्वारा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को लिखे गए एक पत्र के अनुसार, उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद इल्तिजा को एक पासपोर्ट जारी किया गया है जो 5 अप्रैल, 2023 से 4 अप्रैल, 2025 तक वैध है।
इल्तिजा ने शुक्रवार को यहां पीडीपी मुख्यालय में कहा कि कश्मीर के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी दविंदर कुमार और सीआईडी ने न्यायपालिका को गुमराह किया है। मुझे जारी किया गया पासपोर्ट दो साल की अवधि का है और इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह केवल संयुक्त अरब अमीरात के लिए वैध है। इल्तिजा ने कहा कि यह एक 'सशर्त पासपोर्ट' है।
उन्होंने कहा कि वह एक भारतीय और कानून का पालन करने वाली नागरिक हैं और उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा है। इल्तिजा ने दावा किया कि लेकिन, यहां तक कि दो साल का पासपोर्ट जारी करने के लिए भी मेरे खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम लागू किया गया है। यह अधिनियम आमतौर पर जासूसी के लिए लागू किया जाता है।
इल्तिजा ने सवाल किया, क्या मैं फरार हूं? क्या मैं नीरव मोदी हूं, क्या मैं आतंकवादी हूं, क्या मैं देशद्रोही हूं कि मुझे सजा दी जा रही है? अगर मैं केंद्र सरकार के बारे में बोलूं, तो क्या यह देश के खिलाफ बोलने जैसा है? आखिर मेरी ग़लती क्या है? मेरे साथ एक अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है, जैसे कि मैंने बैंकों से हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लिया है और नहीं चुकाया है।