जम्मू/श्रीनगर। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रियों का पहला जत्था बुधवार को यहां से रवाना होगा और विधिवत रूप से श्रीनगर से यह यात्रा 29 जून को शुरू होगी। यात्रा के सुचारू रूप से संचालन के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और किसी भी प्रकार की कोई ढील नहीं बरती जा रही है।
यात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और यात्रा मार्ग की निगरानी उपग्रहों तथा ड्रोन विमानों से की जाएगी। यात्रा मार्ग पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के तीस हजार जवानों को तैनात किया गया है।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के विशेष महानिदेशक एसएन श्रीवास्तव ने सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने के बाद बताया कि यात्रा के सुचारू रूप से संचालन के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और किसी भी प्रकार की कोई ढील नहीं बरती जा रही है। जम्मू से यात्रियों के वाहनों के आगे सुरक्षाबलों के बुलेट प्रूफ वाहन रहेंगे और विभिन्न चिन्हित स्थानों पर क्लोज सर्किट कैमरे भी लगाए गए हैं।
इस बार यात्रियों पर आतंकवादी खतरे को देखते हुए उनकी जीवन बीमा राशि एक लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी गई है। यह सुविधा हालांकि अपंजीकृत यात्रियों को नहीं मिलेगी और उन्हें यात्रा पर जाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरवादी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने कहा है, अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान हैं और कश्मीर में अब तक ऐसी एक भी घटना नहीं हुई है जब यात्रियों को किसी तरह का कोई भय महसूस हुआ हो और कश्मीर के लोगों ने वास्तव में इन यात्रियों की मदद ही की है।
श्री अमरनाथ यात्रा श्रद्धालु बोर्ड पहले ही घोषणा कर चुका है कि 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 75 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों तथा छह माह की गर्भवती महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। महिला यात्रियों को साड़ी के बजाए सलवार कमीज, पैंट शर्ट और ट्रैक सूट तथा स्पोर्टस शूज पहनने को कहा गया है। यात्रा के दौरान शराब का सेवन और तली-भुनी चीजें नहीं खाने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री अमरनाथ श्रद्धालु बोर्ड के अध्यक्ष और राज्य के राज्यपाल एनएन वोहरा ने कल पूरे यात्रा मार्ग का हवाई निरीक्षण किया और दक्षिण कश्मीर में नूनवान पहलगाम तथा मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले में बालताल मार्ग को पहलेही सुरक्षाबलों के हवाले कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बार यात्रा मार्ग की सुरक्षा त्रिस्तरीय की गई है ताकि आतंकवादियों और अराजक तत्वों के किसी भी नापाक मंसूबे को नाकाम किया जा सके। यात्रा मार्ग के पहाड़ी क्षेत्रों और मैदानी हिस्सों में सेना और अर्धसैनिक बलों के अलावा राज्य पुलिस को दोनों तरफ तैनात किया गया है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने यात्रा अवधि के दौरान 200 अतिरिक्त सुरक्षा कंपनियों को तैनात किया है। (वार्ता)