शाह ने यहां प्रबुद्धजनों के समागम कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, 'लोकतांत्रिक देश और जनता के लिए पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र महत्वपूर्ण है...गिनी चुनी पार्टियों में ही आंतरिक लोकतंत्र बचा है और उनमें से एक भाजपा है।'
उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा, वो लोकतंत्र की सेवा नहीं कर सकती। वो पार्टियां घरानों, परिवारों और जातियों के आधार पर चलने लगती हैं । वहां प्रतिभा का महत्व नहीं होता। प्रतिभाशाली लोग किनारे कर दिए जाते हैं।
शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सबको मालूम है कि सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी होंगे।' (लेकिन) मेरे बाद भाजपा का अध्यक्ष कौन बनेगा, यह तय ही नहीं हो सकता क्योंकि भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र है।'
उन्होंने कहा कि जिसमें (भाजपा में) दमखम है, जनता के लिए संवेदना है, प्रतिभा है और जिसका निर्मल चरित्र होगा, वही अध्यक्ष बनेगा। किसी भी राजनीतिक दल के तीन मानक बताते हुए शाह ने आंतरिक लोकतंत्र के अलावा 'सिद्धांत' और 'विकास' को गिनाया।
उन्होंने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि पार्टी किन सिद्धांतों के आधार पर चल रही है। अगर पार्टी सिद्धांतों पर नहीं चल रही है तो अंत में परिवारवाद और जातिवाद के आधार पर चलने वाली पार्टी बन जाती है। शाह ने इस कडी में भाजपा द्वारा 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' और 'अंत्योदय' के सिद्धांत पर चलने का उल्लेख किया।
शाह ने कहा कि भाजपा की सरकारें जहां नहीं होतीं वहां, परिवारवाद होता है, घोटाले होते हैं, भ्रष्टाचार होता है, संपत्ति के लिए झगडे होते हैं। वहां पार्टी नाम की चीज नदारद होती है लेकिन भाजपा की सरकारें जहां जहां बनीं, सब जगह विकास हो रहा है । भाजपा शासन में आती है तो 'विकास' सबसे आगे होता है। (भाषा)