राज्यसभा सचिवालय द्वारा मंगलवार को जारी परिपत्र के अनुसार ये तीनों सदस्य गत 23 मई को लोकसभा के लिए चुने गये हैं इसलिए जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 67(ए) और धारा 68 की उप धारा (4) के अनुसार लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद राज्यसभा के सदस्यों की सदस्यता स्वत ही समाप्त हो जाती है।