नई दिल्ली। नवनियुक्त केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी का कृष्णमेनन मार्ग स्थित बंगला आवंटित किया जा सकता है।
वाजपेयी 2004 में प्रधानमंत्री के पद से हटने के बाद इसमें रह रहे थे। पिछले साल अगस्त में वाजपेयी के निधन के बाद उनके परिजनों ने नवंबर में इस बंगले को खाली कर दिया था।
सरकार के सूत्रों ने गुरुवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बतौर गृहमंत्री, शाह की सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक इस बंगले को अगले एक महीने में तैयार कर दिया जाएगा। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद बतौर केंद्रीय मंत्री, शाह को यह बंगला आवंटित किया गया है।
केंद्रीय मंत्रियों को आवंटित होने वाले ‘टाइट 8’ श्रेणी के इस बंगले में फिलहाल जरूरी मरम्मत का काम चल रहा है।
नवगठित लोकसभा में शाह, गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से बतौर सांसद भी निर्वाचित हुए हैं। बंगले पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि शाह स्वयं बंगले का मुआयना कर जरूरत के मुताबिक मरम्मत आदि के काम का जायजा ले चुके हैं।
शाह, फिलहाल राज्यसभा सदस्य के रूप में, अकबर रोड स्थित 11 नंबर बंगले में रह रहे हैं। वे 19 अगस्त 2017 में राज्यसभा सदस्य बने थे। उच्च सदन में उनका कार्यकाल 2023 तक निर्धारित था, लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जीतने और मोदी सरकार में गृह मंत्री बनाए गए शाह को नया बंगला आवंटित किया गया है।
बतौर पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी 14 साल तक इस बंगले में रहे। पिछले साल 16 अगस्त को उनके निधन के बाद तत्कालीन मोदी सरकार ने इस बंगले को ‘अटल स्मृति’ के रूप में घोषित करने के कुछ भाजपा नेताओं के विचार को खारिज कर दिया था।
सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि, ‘राजघाट’ के पास वाजपेयी के समाधि स्थल को उनकी स्मृति में ‘सदैव अटल’ के नाम से विकसित किया है।
उल्लेखनीय है कि 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने ही राष्ट्रीय नेताओं के सरकारी आवास को उनके निधन के बाद स्मृति स्थल के रूप में घोषित करने पर रोक लगाने का फैसला किया था।
इस फैसले को बरकरार रखते हुए मोदी सरकार ने अक्टूबर 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के 12, तुगलक रोड, स्थित बंगले को स्मृति स्थल घोषित करने की रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह की मांग को खारिज कर दिया था।
सरकार द्वारा पुनगर्ठित मंत्रिमंडलीय समितियों में आवास संबंधी समिति में शाह बतौर गृह मंत्री सदस्य हैं। केंद्रीय मंत्रियों एवं अन्य आला अधिकारियों को दिल्ली में सरकारी आवास मुहैया कराने से जुड़े अहम फैसले करने वाली इस समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल सदस्य हैं जबकि आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।