उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा से चोट खाई ममता बनर्जी अब विधानसभा चुनाव में कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाह रही हैं। पीके से मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। पीके भाजपा, कांग्रेस और जदयू के लिए भी काम कर चुके हैं। जदयू में उन्हें उपाध्यक्ष भी बनाया गया था।