उन्होंने कहा, ‘सुश्रुत पहले चिकित्साकर्मी थे जो उपचार में जोंक का इस्तेमाल करते थे। पिछले दो दशकों में अमेरिका के एफडीए ने जोंक को चिकित्सा संसाधन के तौर पर स्वीकार किया है।’ सावंत ने ऋग्वेद और अथर्ववेद में प्राचीन भारत में सर्जरी के वर्णन को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘सुश्रुत पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि मानव हृदय शरीर की संचार प्रणाली का केंद्र है। हालांकि हम रक्त संचरण की खोज का श्रेय विलियम हार्वे को देते हैं।’ सावंत के मुताबिक, ‘प्राचीन भारत में सर्जरी के उपकरण इतने धारदार होते थे कि मनुष्य के बाल को भी बीच में से काट सकते थे।’