केजरीवाल के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए श्री हजारे ने कहा कि जब केजरीवाल मेरे साथ थे, तब उन्होंने 'ग्राम स्वराज' पर एक किताब लिखी थी। क्या हम इसे ग्राम स्वराज कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज बहुत दुखी हूं। मैंने केजरीवाल से जो उम्मीदें की थीं, उन्हें उन्होंने चूर-चूर कर दिया।