टाइटलर ने गुनाहों को कबूल नहीं किया, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने उन पर मुकदमा चलाए जाने का निर्देश दिया। अदालत ने हत्या के अलावा गैरकानूनी तरीके से जमा होने, दंगा भड़काने, विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने, घरों में अनधिकार प्रवेश और चोरी समेत अनेक अपराधों के लिए आरोप तय करने का आदेश दिया।
टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था : न्यायाधीश ने 30 अगस्त को कहा था कि आरोपी के खिलाफ कार्यवाही आगे बढ़ाने का पर्याप्त आधार है। सीबीआई ने 20 मई, 2023 को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि टाइटलर ने एक नवंबर 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जला दिया गया और तीन सिखों - ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या कर दी गई।
उन्होंने हमारी मां को मारा है : सीबीआई ने एक गवाह के हवाले से आरोपपत्र में कहा था कि टाइटलर एक नवंबर, 1984 को यहां गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने सफेद एंबेसडर कार से बाहर निकले थे और उन्होंने यह कहते हुए भीड़ को उकसाया कि सिखों को मारो, उन्होंने हमारी मां को मारा है और इसके बाद तीन लोगों की हत्या हो गई।