इस पर मुंडा ने कहा कि जो हमारी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है, जो हमारे ग्रंथ हैं, उसके अनुसार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का नामाकरण किया गया है। वैसे-मैं अर्जुन हूं, इस नाते मैं कह सकता हूं कि अर्जुन-एकलव्य का संवाद अब नए तरीके से प्रारंभ हो रहा है। मुंडा की इस टिप्पणी पर सदन में मौजूद कई सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक सके।