शशि थरूर के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रक्षामंत्री ने कहा कि अल्पावधि सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए अधिकारियों की भर्ती की नीति की समीक्षा की जाएगी और यह भी संकेत दिया कि वर्तमान नियम के तहत इसके तहत नियुक्त अधिकारियों को 14 वर्ष तक बनाए रखने की अवधि को कम किया जाएगा, क्योंकि मूल रूप में इस योजना का विचार अलग था।
पर्रिकर ने कहा कि तकनीकी और गैर तकनीकी सेवा समेत समस्त सशस्त्र बलों एवं चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति देश के सभी नागरिकों के लिए खुला हुआ है और इसमें जाति, धर्म, संप्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है।
रक्षामंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों में अधिकारी स्तर से नीचे रक्षाकर्मियों की भर्ती इन राज्यों में भर्ती योग्य पुरुष आबादी के अनुपात में की जा रही है। अभ्यर्थियों को आयु, शारीरिक, चिकित्सीय और शिक्षा संबंधी निर्धारित मानदंड पूरे करने होते हैं। राज्यों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। (भाषा)