सभी अमान्य नोटों के बदले नई करेंसी नहीं : जेटली

शनिवार, 17 दिसंबर 2016 (14:22 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को संकेत दिया कि 15.44 लाख करोड़ रुपए के पुराने अमान्य नोटों के स्थान पर इतनी ही राशि की नई करेंसी जारी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी अंतर को पूरा करेगी।
 
वित्तमंत्री ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य किए जाने को एक साहसिक कदम बताया और कहा कि भारत में इतनी क्षमता है कि वह इस तरह के कदम उठा सके और इसका अनुभव उठा सके।
 
जेटली ने कहा कि उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को अमान्य करने के फैसले से एक नई सोच और सामान्य चलन स्तर बना है। इससे पहले पिछले 7 दशक से जो सामान्य चलन था, वह स्वीकार्य नहीं है।
 
जेटली ने फिक्की की 89वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कहते हुए कहा कि नोटों को अमान्य करने के कदम से अर्थव्यवस्था, चलन में अधिक नकदी की समस्या से बाहर निकलेगी। अधिक नकदी से करचोरी, कालाधन और अपराध के लिए करेंसी का इस्तेमाल जैसी समस्याएं खड़ी होती हैं।

जेटली ने कहा कि नोटबंदी की इस पहल के पीछे यह प्रयास रहा है कि चलन में कम नकदी को ही रखा जाए। हमारा यह सोचा-समझा प्रयास है कि बाकी अंतर को डिजिटल करेंसी के जरिए ही पूरा किया जाए। सरकार ने 8 नवंबर को अचानक जब नोटबंदी की घोषणा की थी, तब 500 रुपए के 1,716.50 करोड़ और 1,000 रुपए के 685.80 करोड़ नोट चलन में थे।
 
उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए जेटली ने आगे कहा कि पुराने नोटों के स्थान पर नई मुद्रा को चलन में लाने की पूरी प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि रिजर्व बैंक रोजाना बैंकिंग तंत्र और डाकघर प्रणाली के जरिए नई मुद्रा पहुंचाकर इसे जल्द पूरा कर लेगा। 
 
वित्तमंत्री ने कहा कि दूसरी तरफ भुगतान के लिए डिजिटल प्रणाली का इस्तेमाल बढ़ाने के काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 5 सप्ताह के दौरान जिस तरह से यह काम आगे बढ़ा है, वह सराहनीय है। यह सब जो हो रहा है, लगता है कि संसद का एक वर्ग इससे अनभिज्ञ है। एक बार नए नोट जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो जाए तो उसके बाद देश में एक नया सामान्य चलन कायम होगा। इससे पहले पिछले 70 सालों से जो कुछ चला आ रहा था, वह स्वीकार्य सामान्य स्तर नहीं था। (भाषा)
 

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