जेटली के साथ बजट पूर्व बैठक में बैंकों ने एनपीए प्रावधान के लिए पूर्ण रूप से कर छूट की मांग की। उनका कहना है कि उनके लाभ पर असर पड़ा है, अत: कर छूट मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने उन बैंकों के लिए जिनकी देश भर में शाखाएं हैं, जीएसटी पंजीकरण के लिए केंद्रीय रजिस्ट्री की मांग की।
जेटली ने बैठक के दौरान कहा, 'मौजूदा वित्त वर्ष आम वर्ष की तरह नहीं रहा क्योंकि इस दौरान सुधारों से जुड़े कई बड़े फैसले किए गए। कई कदम उठाने की जरूरत है। इसमें सरकार क्या कर सकती है, बैंक क्या कर सकता है, इस बारे में लीक से हटकर सोचने की जरूरत है।'
बैंकों ने कहा, 'नोटबंदी के बाद बैंकों में नकदी सुधरी है। इससे बचत जमा दरों पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे वरिष्ठ नागरिकों पर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि उनकी आय प्रभावित होगी। इसीलिए उन्हें आयकर कानून के तहत कुछ छूट दिये जाने की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपनी जमाओं पर थोड़ी बेहतर आय प्राप्त हो सके।'